नई दिल्ली। राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने एक बार फिर कांग्रेस वर्किंग कमेटी और संगठन के प्रमुख पदों पर चुनाव करवाने पर जोर दिया है। आजाद ने गुरुवार को कहा, ‘चुने हुए लोग लीड करेंगे तो पार्टी के लिए अच्छा होगा, नहीं तो कांग्रेस अगले 50 साल तक विपक्ष में बैठी रहेगी। हो सकता है कि नियुक्त (अपॉइंट) किए जाने वाले अध्यक्ष को 1 प्रतिशत लोगों का भी समर्थन नहीं हो।’
Get the party elections, otherwise Congress will remain in opposition for 50 years: Ghulam Nabi Azad
New Delhi. Leader of the Opposition in Rajya Sabha Ghulam Nabi Azad has once again insisted on holding elections to key posts of the Congress Working Committee and the organization. Azad said on Thursday, If the elected people lead, it will be good for the party, otherwise the Congress will remain in opposition for the next 50 years. It may be that the chairman appointed may not even support 1 percent of the people.’
आजाद ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी समेत, राज्यों के प्रमुख, जिला अध्यक्ष, ब्लॉक अध्यक्ष के पदों पर भी चुनाव करवाने पर जोर दिया। साथ ही कहा, ‘जो लोग चुनाव करवाने का विरोध कर रहे हैं, उन्हें अपने पद खोने का डर है। जो वफादार होने का दावा कर रहे हैं, वे हकीकत में ओछी राजनीति कर रहे हैं। इससे पार्टी और देश को नुकसान होगा।’
‘आंतरिक चुनाव में 51 प्रतिशत वोट मिलने वाले की जीत होती है। इसका मतलब ये हुआ कि चुने हुए अध्यक्ष के साथ 51 प्रतिशत लोग होते हैं। अगर कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य चुनाव से तय होंगे, तो उन्हें हटाया नहीं जा सकता। इस बात में परेशानी क्या है?’
‘इस बात से परेशानी नहीं कि राहुल गांधी अगले अध्यक्ष बनते हैं या किसी और को जिम्मेदारी मिलेगी। अगर सोनिया गांधी मुद्दों को सुलझाने के लिए प्रस्तावित समिति में मुझे सदस्य बनाती हैं, तो खुशी होगी। नए कांग्रेस अध्यक्ष का 6 महीने इंतजार कर सकता हूं।’
आजाद का बयान कांग्रेस वर्किंग कमेटी की मीटिंग के 3 दिन बाद आया है। सीडब्ल्यूसी की सोमवार को हुई मीटिंग में रिजॉल्यूशन पास कर सोनिया गांधी से अपील की गई कि जब तक ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी का सेशन बुलाने की स्थितियां नहीं बनें, तब तक आप ही अंतरिम अध्यक्ष बनी रहें।
आजाद ने कहा था- राहुल के आरोप साबित हुए तो इस्तीफा दे दूंगा
आजाद उन 23 नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर पार्टी में ऊपर से नीचे तक बदलाव करने की मांग की थी। सीडब्ल्यूसी की मीटिंग में यह बात सामने आई कि चिट्ठी लिखने वाले नेताओं पर राहुल गांधी ने भाजपा से मिलीभगत के आरोप लगा दिए। इस पर आजाद ने कहा था कि आरोप साबित हुए तो पार्टी छोड़ देंगे। हालांकि, बाद में सफाई दी कि राहुल ने मिलीभगत जैसी कोई बात नहीं कही थी।
सिब्बल बोले- कांग्रेस अपने ही लोगों पर सर्जिकल स्ट्राइक कर रही
यूपी की लखीमपुर जिला कांग्रेस कमेटी ने चिट्ठी लिखने वाले नेताओं के खिलाफ 5 प्रस्ताव पारित किए हैं। इनमें एक में पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद को पार्टी से निकालने की मांग की गई है।
इसके विरोध में पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि यूपी में कांग्रेस जितिन प्रसाद को आधिकारिक तौर पर निशाना बना रही है। पार्टी को अपने लोगों पर नहीं, बल्कि भाजपा पर सर्जिकल स्ट्राइक करने की जरूरत है।’
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने भी सिब्बल का ट्वीट शेयर कर लिखा- ‘भविष्यज्ञानी।’ तिवारी भी सोनिया को चिट्ठी लिखने वालों में शामिल हैं।